भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ चेतावनी

 भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार समझौते (Trade Deal) की बातचीत एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह बनी है डोनाल्ड ट्रम्प की चेतावनी। उन्होंने कहा है कि अगर भारत ने समझौते में अमेरिका के हितों को महत्व नहीं दिया, तो 20–25% तक टैरिफ (आयात शुल्क) लगाया जा सकता है।

यह खबर न केवल अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिहाज से अहम है, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था और लाखों एक्सपोर्टर्स के लिए भी चिंता की वजह बन सकती है।

भारत और अमेरिका लंबे समय से एक इंटरिम फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की दिशा में काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य है:

  • दोनो देशों के बीच व्यापार को आसान बनाना
  • आयात-निर्यात पर लगने वाले टैक्स (टैरिफ) को कम करना
  • "टैरिफ वॉर" जैसी स्थितियों से बचना

इस दिशा में 5वें दौर की बातचीत जुलाई 2025 में अमेरिका में हुई थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इसमें हिस्सा लिया, और अब अमेरिकी प्रतिनिधि अगस्त में भारत आने वाले हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प की चेतावनी?

हाल ही में एक मीडिया बातचीत में ट्रम्प ने कहा:

"अगर भारत हमारे व्यापार हितों का सम्मान नहीं करता, तो हम 20–25% टैरिफ लगा सकते हैं। अमेरिका को व्यापार में घाटा उठाना बंद करना होगा।"

इस बयान ने बाजार और डिप्लोमैटिक सर्कल में हलचल मचा दी है। हालांकि यह अब तक केवल चेतावनी है, लेकिन ट्रम्प का इतिहास बताता है कि वे राष्ट्रपति बनने के बाद इस तरह के फैसले कर भी चुके हैं।

पिछले वर्षों की पृष्ठभूमि

  • ट्रम्प प्रशासन के दौरान पहले भी भारत के कुछ उत्पादों पर Generalized System of Preferences (GSP) का लाभ खत्म कर दिया गया था।
  • तब अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया था कि वह अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचा टैरिफ लगाता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होता है।
  • भारत ने इसे "बैलेंस बनाने की नीति" बताया था।

वर्तमान स्थिति क्या है?

  • व्यापार समझौते की बातचीत जारी है।
  • सितंबर या अक्टूबर 2025 तक इसे अंतिम रूप देने की कोशिश हो रही है।
  • भारत और अमेरिका दोनों ही इस समझौते को रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद अहम मानते हैं।

भारत की ओर से संकेत मिले हैं कि वह कुछ सेक्टर्स में टैरिफ रियायतें देने को तैयार है, बशर्ते अमेरिका भी भारतीय टेक्सटाइल, आईटी, फार्मा और कृषि उत्पादों के लिए बाज़ार खोले।

टैरिफ बढ़ने से भारत को क्या नुकसान हो सकता है?

यदि डोनाल्ड ट्रम्प दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं और भारत पर 20–25% टैरिफ लागू होता है, तो भारत को इन क्षेत्रों में नुकसान हो सकता है:

  • टेक्सटाइल और गारमेंट इंडस्ट्री
  • स्टील और एल्यूमिनियम निर्यात
  • ऑटो पार्ट्स और इंजीनियरिंग सामान
  • आर्गेनिक और फार्मास्युटिकल उत्पाद

इससे भारतीय उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाएंगे, जिससे वहां की कंपनियां विकल्प तलाश सकती हैं।


भारत की रणनीति क्या हो सकती है?

भारत फिलहाल संयमित रुख अपनाए हुए है:

  • बातचीत का दरवाज़ा खुला रखा गया है
  • चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमेरिका और भारत दोनों रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना चाहते हैं
  • भारत कोशिश करेगा कि टैरिफ वॉर न हो और घरेलू उद्योग भी सुरक्षित रहे

क्या समझौता होगा या विवाद बढ़ेगा?

यह आने वाले हफ्तों में साफ होगा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता किस रूप में सामने आता है। 

ट्रंप की चेतावनी एक राजनीतिक दबाव की रणनीति भी हो सकती है, लेकिन अगर बातचीत विफल रही, तो व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ना तय है।

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