25 जुलाई 2025 - यह दिन भारत के राजनीतिक इतिहास और दक्षिण एशिया की कूटनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ लेकर आया।
जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 16 साल 287 दिन तक प्रधानमंत्री पद पर रहकर एक नया रिकॉर्ड बनाया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने मालदीव का दो दिवसीय दौरा शुरू किया, जो हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच तनाव के बाद संबंधों में आई गर्मजोशी की एक नई शुरुआत का संकेत है।
इतिहास रचते प्रधानमंत्री मोदी: 16 साल 287 दिन का रिकॉर्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जुलाई 2025 को एक नया इतिहास रच दिया।
वे लगातार सबसे लंबे समय तक भारत के प्रधानमंत्री रहने वाले दूसरे नेता बन गए हैं।
इससे पहले ये स्थान इंदिरा गांधी और पंडित नेहरू के नाम रहा था, लेकिन मोदी ने अब उन्हें पीछे छोड़ दिया है।
यह सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि देश में राजनीतिक स्थिरता, लोकतांत्रिक समर्थन और अंतरराष्ट्रीय छवि का प्रमाण है।
ब्रिटेन से मालदीव: एक राजनयिक मिशन
ब्रिटेन की यात्रा पूरी कर पीएम मोदी अब मालदीव पहुंचे हैं, जहां वे 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं।
यह निमंत्रण सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच तनाव के बाद बनी दोस्ती का संकेत है।
India Out से India In तक: मालदीव की राजनीति में U-टर्न
उन्होंने भारतीय सेना की मौजूदगी को लेकर "India Out" अभियान का समर्थन किया और चीन की ओर झुकाव दिखाया।
फिर क्यों बदला रुख?
- भारत से दूरी का आर्थिक और कूटनीतिक नुकसान हुआ।
- चीन ने वादे तो किए, लेकिन सहायता सीमित रही।
- पर्यटन, मेडिकल और टेक्नोलॉजी सपोर्ट में भारत की भूमिका अहम साबित हुई।
अब मुइज्जू के पास भारत से रिश्ते सुधारने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
मोदी सरकार ने इस पूरे दौर में कूटनीतिक संयम दिखाया।न ही तीखी प्रतिक्रियाएं दीं, न ही रिश्ते तोड़े।
बल्कि जब समय सही आया, तो मालदीव को फिर से अपने प्रभाव क्षेत्र में लाने में सफलता पाई।
इसे विशेषज्ञ “डिप्लोमेसी की सॉफ्ट पावर” कह रहे हैं।
मालदीव का इतिहास: बौद्ध से इस्लामी देश तक की यात्रा
- मालदीव का इतिहास करीब 2500 साल पुराना है।
- यह पहले बौद्ध बहुल देश था, लेकिन पिछले 150 वर्षों में पूरी तरह इस्लामी राष्ट्र बन गया।
- देश में 1200 द्वीप हैं, जिनमें से केवल 200 में जनसंख्या है।
भारतीयों के लिए बेस्ट ट्रैवल डेस्टिनेशन: कैसे जाएं?
कैसे जाएं?
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पीएम मोदी की यात्रा से पहले मुइज्जू के साले का भड़काऊ पोस्ट
यात्रा से ठीक पहले मुइज्जू के साले ने सोशल मीडिया पर "मुसलमान विरोधी" टिप्पणी कर दी। इससे भारत में नाराज़गी फैल गई।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह यात्रा को विवादित करने की कोशिश थी, जिसे सरकार ने नजरअंदाज कर संयम बरता।
नया युग, नई नीति, नया संतुलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा सिर्फ एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि एक रणनीतिक जीत है।
जहां एक ओर उन्होंने देश में स्थिरता और नेतृत्व का नया रिकॉर्ड बनाया, वहीं दूसरी ओर दक्षिण एशिया में भारत की स्थिति को फिर मजबूत किया।
मालदीव के साथ अब नए रिश्तों की शुरुआत हो चुकी है। आने वाले समय में यह यात्रा टूरिज्म, ट्रेड और ट्रस्ट तीनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।