दुनिया की दो सबसे बड़ी और ताकतवर अर्थव्यवस्थाओं – अमेरिका और जापान – ने एक ऐसा व्यापार समझौता किया है, जो न सिर्फ आर्थिक मोर्चे पर बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक माना जा रहा है।
इस समझौते के तहत जापान अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करेगा और इस पर 90% लाभ अमेरिका को मिलेगा।
इस सौदे को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने "अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता" बताया है।
इस समझौते की नींव तब रखी गई जब अमेरिका और जापान के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ने लगा। अमेरिका बार-बार यह मांग कर रहा था कि जापान अपने बाजार को और अधिक खोले, विशेषकर ऑटोमोबाइल और तकनीकी उत्पादों के लिए।
दूसरी तरफ, जापान चाहता था कि अमेरिका से कृषि उत्पादों पर लगे आयात शुल्क (टैरिफ) में राहत दी जाए।
हालात तब और बिगड़ गए जब अमेरिका ने जापानी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाने की धमकी दी। इससे जापान चिंतित हो गया क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका को निर्यात पर निर्भर है।
समझौता: लंबे इंतज़ार के बाद आई राहत
कई महीनों की बातचीत, तनाव और अधूरी बैठकों के बाद दोनों देशों के बीच आखिरकार एक ऐतिहासिक समझौता हुआ।
- 550 अरब डॉलर का निवेश: जापान अमेरिका में इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, एनर्जी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में यह निवेश करेगा।
- 90% लाभ अमेरिका को: इस निवेश पर उत्पन्न लाभ का 90% हिस्सा अमेरिका को मिलेगा, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
- 15% टैरिफ: समझौते में तय किया गया है कि इस व्यापार पर 15% का टैरिफ लगेगा – यह दर पहले की अपेक्षा काफी कम है।
- तकनीकी सहयोग: जापान की शीर्ष तकनीकी कंपनियाँ अमेरिका के साथ मिलकर AI, रोबोटिक्स, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सेमीकंडक्टर सेक्टर में काम करेंगी।
- रोजगार का अवसर: इस डील से अमेरिका में लाखों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है, खासकर मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में।
नेताओं की प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते की घोषणा करते हुए कहा:
"यह अब तक का सबसे फायदेमंद व्यापारिक सौदा है। यह अमेरिका को वैश्विक आर्थिक ताकत के रूप में और मजबूत करेगा।"
जापान के प्रधानमंत्री ने भी इस डील को दोनों देशों के लिए फायदेमंद बताते हुए कहा कि यह एशिया-अमेरिका आर्थिक साझेदारी को नया आयाम देगा।
इस डील का वैश्विक महत्व क्या है?
- यह डील ऐसे समय पर हुआ है जब अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी हुई है।
- यह अमेरिका को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में चीन के मुकाबले बढ़त देगा।
- जापान को अमेरिका में दीर्घकालिक निवेश का अवसर मिलेगा, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलेगी।
- यह समझौता भारत और अन्य विकासशील देशों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकता है।
सिर्फ व्यापार नहीं, रणनीतिक गठबंधन
अमेरिका-जापान व्यापार समझौता केवल एक आर्थिक लेनदेन नहीं है, यह दोनों देशों के बीच भविष्य की साझेदारी का वादा है। यह डील विश्व पटल पर एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है – जहाँ आर्थिक मजबूती के साथ तकनीकी और रणनीतिक सहयोग भी शामिल है।
इस समझौते से यह भी साफ है कि जब दो देश आम सहमति, समझदारी और सहयोग से आगे बढ़ते हैं, तो केवल व्यापार नहीं, पूरी दुनिया का भविष्य बदल सकता है।